पल्लू गाँव में मिली माँ सरस्वती पर जारी डाक टिकिट का विवरण
भारतीय डाक विभाग समय -समय पर डाक टिकिट जारी करता है। ये डाक टिकिट भारत की सांस्कृतिक
धरोहर ,इतिहास ,भूगोल ,संस्कृति ,ऐतिहासिक घटनायें ,भाषाएँ ,मुद्राएँ ,पशु -पक्षी ,वनस्पति ,लोगों की
जीवन शैली ,महापुरुष ,नेशनल हीरो और विविध विषयों पर होतेँ है। भारतीय डाक विभाग द्वारा डाक
टिकिट जारी करना एक बहुत बड़ा सम्मान माना जाता है। डाक -टिकिट का संग्रह विश्व के लोकप्रिय शौक में से एक है।
डाक टिकिट जारी होना बहुत बड़ा मान सम्मान माना जाता है। और ये मान सम्मान हनुमानगढ़ जिले के
पल्लू गाँव को मिला हुआ है। पल्लू गाँव के निवासी और आस पास के गाँव के निवासीओं को इस बात पर गर्व होना चाहिये। बहुत लोगो को इस बात की जानकारी भी नहीं है। और ये जानकारी मुझे भी थोड़े दिन
पहले लगी है तो मेने सोचा पल्लू गाँव की ऐतिहासिक धरोहर की जानकारी से आप को भी परिचित
करवाऊँ ।
सन 1917 की खुदाई में पल्लू गाँव से मिली मां सस्वती की मूर्ति नई दिल्ली के राष्टिय संग्रहालय
में रखी हुई है। ये मूर्ति 12 वीं शताब्दी की चौहान काल की बहुत ही दुर्लभ कलाकृति है। माँ सरस्वती
की इसी मूर्ति पर भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा दो बार डाक टिकिट जारी किया है। डाक विभाग
के द्वारा दो बार डाक टिकिट जारी करना ये बताता है कि ये कितनी दुर्लभ कलाकृति है।
पल्लू गाँव में मिली माँ सरस्वती पर जारी पहला डाक टिकिट :-
पहला विश्व हिंदी सम्मेलन नागपुर ,महाराष्ट्रा में 10 से 12 जनवरी 1975 को आयोजित हुआ था। वसुधैव -
कुटुम्बकम की संकल्पना आधारित इस सम्मेलन का उद्धघाटन भारत की पूर्व प प्रधानमन्त्री स्व.श्रीमती
इंदिरा गांधी ने किया। इस अवसर पर 25 पैसे मूल्य का डाक टिकिट जारी किया गया ,जिस पर पल्लू
गाँव से मिली दिल्ली के राष्टिय संग्रहालय में रखी सस्वती देवी की मूर्ति को दर्शाया गया है। डाक विभाग
द्वारा इस अवसर पर सरस्वती देवी की 30 लाख डाक टिकिट जारी की गयी थी।
भारत सरकार द्वारा जब भी डाक टिकिट जारी किया जाता है तब इस से संबधित एक ब्रोशर भी जारी
किया जाता है। 10 जनवरी 1975 को जारी डाक टिकिट से संबधित ब्रोशर में लिखा है की :-
इस डाक टिकिट में वाणी और विद्याओं की अधिष्ठात्री सरस्वती का का चित्र राष्टिय संग्रहालय नई दिल्ली
द्वारा बीकानेर* से प्राप्त बाहरवीं शताब्दी की चौहान कालीन शिल्पकृति का है।
पल्लू गाँव में मिली माँ सरस्वती पर जारी दूसरा डाक टिकिट :-
12 अप्रैल 1975 को विश्व तेलुगु सम्मेलन हैदराबाद में हुआ था। इस अवसर पर भी 25 पैसे मूल्य का डाक टिकिट जारी किया गया ,जिस पर पल्लू गाँव से मिली दिल्ली के राष्टिय संग्रहालय में रखी सस्वती देवी की मूर्ति को दर्शाया गया है। डाक विभाग द्वारा इस अवसर पर सरस्वती देवी की 30 लाख डाक टिकिट जारी की गयी थी। इस प्रकार पल्लू की इस सरस्वती देवी पर अभी तक 60 लाख डाक टिकिट जारी हो चुके है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के डाक की वेबसाइट या डाक विभाग में आर.टी. आई. लगा कर प्राप्त की जा सकती है।
*यह मूर्ति सन 1917 में पल्लू गाँव के थेहड़ के खनन से प्राप्त हुई है। तब पल्लू गाँव तात्कालीन रियासत
बीकानेर के अधीन था। इसीलिए इस मूर्ति के बारे में पल्लू ,बीकानेर लिखा हुआ मिलता है।
नोट :डाक टिकिट का चित्र भारतीय डाक विभाग की वेबसाइट से लिया गया है।
संकलनकर्ता :जगदीश मनीराम साहू (निवासी ढाणी छिपोलाइ )
धरोहर ,इतिहास ,भूगोल ,संस्कृति ,ऐतिहासिक घटनायें ,भाषाएँ ,मुद्राएँ ,पशु -पक्षी ,वनस्पति ,लोगों की
जीवन शैली ,महापुरुष ,नेशनल हीरो और विविध विषयों पर होतेँ है। भारतीय डाक विभाग द्वारा डाक
टिकिट जारी करना एक बहुत बड़ा सम्मान माना जाता है। डाक -टिकिट का संग्रह विश्व के लोकप्रिय शौक में से एक है।
डाक टिकिट जारी होना बहुत बड़ा मान सम्मान माना जाता है। और ये मान सम्मान हनुमानगढ़ जिले के
पल्लू गाँव को मिला हुआ है। पल्लू गाँव के निवासी और आस पास के गाँव के निवासीओं को इस बात पर गर्व होना चाहिये। बहुत लोगो को इस बात की जानकारी भी नहीं है। और ये जानकारी मुझे भी थोड़े दिन
पहले लगी है तो मेने सोचा पल्लू गाँव की ऐतिहासिक धरोहर की जानकारी से आप को भी परिचित
करवाऊँ ।
सन 1917 की खुदाई में पल्लू गाँव से मिली मां सस्वती की मूर्ति नई दिल्ली के राष्टिय संग्रहालय
में रखी हुई है। ये मूर्ति 12 वीं शताब्दी की चौहान काल की बहुत ही दुर्लभ कलाकृति है। माँ सरस्वती
की इसी मूर्ति पर भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा दो बार डाक टिकिट जारी किया है। डाक विभाग
के द्वारा दो बार डाक टिकिट जारी करना ये बताता है कि ये कितनी दुर्लभ कलाकृति है।
पल्लू गाँव में मिली माँ सरस्वती पर जारी पहला डाक टिकिट :-
पहला विश्व हिंदी सम्मेलन नागपुर ,महाराष्ट्रा में 10 से 12 जनवरी 1975 को आयोजित हुआ था। वसुधैव -
कुटुम्बकम की संकल्पना आधारित इस सम्मेलन का उद्धघाटन भारत की पूर्व प प्रधानमन्त्री स्व.श्रीमती
इंदिरा गांधी ने किया। इस अवसर पर 25 पैसे मूल्य का डाक टिकिट जारी किया गया ,जिस पर पल्लू
गाँव से मिली दिल्ली के राष्टिय संग्रहालय में रखी सस्वती देवी की मूर्ति को दर्शाया गया है। डाक विभाग
द्वारा इस अवसर पर सरस्वती देवी की 30 लाख डाक टिकिट जारी की गयी थी।
भारत सरकार द्वारा जब भी डाक टिकिट जारी किया जाता है तब इस से संबधित एक ब्रोशर भी जारी
किया जाता है। 10 जनवरी 1975 को जारी डाक टिकिट से संबधित ब्रोशर में लिखा है की :-
इस डाक टिकिट में वाणी और विद्याओं की अधिष्ठात्री सरस्वती का का चित्र राष्टिय संग्रहालय नई दिल्ली
द्वारा बीकानेर* से प्राप्त बाहरवीं शताब्दी की चौहान कालीन शिल्पकृति का है।
पल्लू गाँव में मिली माँ सरस्वती पर जारी दूसरा डाक टिकिट :-
12 अप्रैल 1975 को विश्व तेलुगु सम्मेलन हैदराबाद में हुआ था। इस अवसर पर भी 25 पैसे मूल्य का डाक टिकिट जारी किया गया ,जिस पर पल्लू गाँव से मिली दिल्ली के राष्टिय संग्रहालय में रखी सस्वती देवी की मूर्ति को दर्शाया गया है। डाक विभाग द्वारा इस अवसर पर सरस्वती देवी की 30 लाख डाक टिकिट जारी की गयी थी। इस प्रकार पल्लू की इस सरस्वती देवी पर अभी तक 60 लाख डाक टिकिट जारी हो चुके है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के डाक की वेबसाइट या डाक विभाग में आर.टी. आई. लगा कर प्राप्त की जा सकती है।
*यह मूर्ति सन 1917 में पल्लू गाँव के थेहड़ के खनन से प्राप्त हुई है। तब पल्लू गाँव तात्कालीन रियासत
बीकानेर के अधीन था। इसीलिए इस मूर्ति के बारे में पल्लू ,बीकानेर लिखा हुआ मिलता है।
नोट :डाक टिकिट का चित्र भारतीय डाक विभाग की वेबसाइट से लिया गया है।
संकलनकर्ता :जगदीश मनीराम साहू (निवासी ढाणी छिपोलाइ )